Dropadi Murmu biography in Hindi : द्रौपदी मुर्मु का जीवन परिचय हिंदी में
तो चलिए दोस्तों भारत के राष्ट्रपति के बारे में द्रौपदी मुर्मु एक भारतीय राजनीति यज्ञ है जो 25 जुलाई 2022 से भारत के 15 राष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रही है। आदिवासी समुदाय से संबंधित पहली महिला है और प्रतिभा पाटिल के बाद कार्यालय संभालने वाली दूसरी महिला भी है।
इस पद पर होने वाली सबसे कम उम्र की स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति भी है। उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में भी काम किया है। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले 1979 से 1983 तक राज्य सिंचाई और बिजली विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया है और फिर 1997 तक रायरंगपुर में एक शिक्षक के रूप में भी काम की हैं।

Dropadi Murmu biography in Hindi
द्रौपदी मुर्मु का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के रायरंगपुर के बैदापोसी क्षेत्र के के ऊपरबेड़ा गांव में एक संताली परिवार में हुआ था। उनके पिता बिरंचि नारायण टुडू एक किसान थे। उनके पिता और दादा ग्राम परिषद ग्राम पंचायत के पारंपारिक प्रमुख नामित सरपंच थे उसके परिवार मैं उनका नाम पुती टुडू रखा उनके स्कूल के शिक्षकों द्वारा उनका नाम बदलकर द्रौपदी कर दिया गया था और अतीत में उसका नाम कई बार दूर पति और दौर पति सहित बदल दिया गया।
मुर्मू ने प्राथमिक शिक्षा उनपरबेड़ा क्या स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में हुई 5 साल की उम्र में वह उच्च अध्ययन के लिए भुनेश्वर चली गई। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा गर्ल्स हाई स्कूल यूनिट 2 से पूरी की और रामा देवी महिला कॉलेज से b.a. में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
Dropadi Murmu biography in Hindi
उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से शादी की जिनसे उन्हें दो बेटे और एक बेटी हुई 2009 से 2015 तक 7 साल की अवधि में उनके पति दो बेटे और एक भाई की मृत्यु हो गई।
करियर का शुरुआत
1979 से 1983 तक मुर्मू ने उड़ीसा सरकार के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया उन्होंने 1994 से 1997 तक रायरंगपुर में स्कूल श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में एक शिक्षक के रूप में काम किया जहां उन्होंने हिंदी ओडिया गणित और भूगोल पढ़ाया करती थी। उन्होंने कभी भी स्कूल में पूर्ण वेतन के लिए दावा नहीं की।
उनका राजनीतिक करियर
1997 में द्रौपदी मुर्मू महिलाओं के लिए आरक्षित सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गई। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई उन्होंने रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव जीता और ओडीशा विधानसभा में दो बार सेवा की ओडिशा में भाजपा और बीजद गठबंधन सरकार के दौरान वह वाणिज्य के लिए स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थी। और परिवहन 6 मार्च 2006 से 6 अगस्त 2002 तक रही और मत्स्य पालन पशु संसाधन विकास 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक नहीं रही।
उन्होंने 2007 में उड़ीसा विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार मिला 2009 में वह मयूरभंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गई क्योंकि बीजद और भाजपा गठबंधन समाप्त हो गया था। वह 2013 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एसटी मोर्चा के लिए चुनी गई और 2015 तक जिला अध्यक्ष रही।
2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल
मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली इस पद को संभालने वाली पहली महिला बनी। भाजपा सरकार में झारखंड राज्यपाल के रूप में अपने छह साल अधिकांश सत्ता कार्यालय में थी और अपने पूरे कार्यकाल में केंद्र सरकार में भी सत्ता में रही। उन्होंने हेमंत सोरेन को 2019 में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
भाजपा के पूर्व नेता और कार्यकर्ता रतन तिर्की ने कहा कि मुर्मू ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया है कि आदिवासी समुदायों को दिया गया स्वशासन के अधिकारों को ठीक से लागू किया गया है। यह अधिकार पांचवी अनुसूची और पंचायत 1996 के तहत दिए गए थे। तिर्की ने कहा कई अनुरोधो के बावजूद तत्कालीन राज्यपाल ने कभी भी पांचवी अनुसूची के प्रावधानों को पत्र आत्मा में लागू करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं किया।
राज्यपाल के रूप में उनका 6 साल का कार्यकाल मई 2015 में शुरू हुआ और जुलाई 2021 में समाप्त हो गया।
राष्ट्रपति के चुनाव का अभियान
भारत के राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए के उम्मीदवारों के रूप में नामित किया यशवंत सिन्हा को विपक्षी दल ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया था। अपने चुनाव अभियान के दौरान मुर्मू ने अपनी उम्मीदवारी के समर्थन के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा किया । बीजद, वीएस आरसीबी, झामुमो , बसपा, एसएस, जद एस जैसे कई विपक्षी दलों ने मतदान से पहले उनकी उम्मीदवारी के समर्थन की घोषणा की थी 21 जुलाई 2022 को मुर्मू ने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में आम विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिंह को 28 में से 21 राज्यों पांडिचेरी के केंद्र शासित प्रदेश सहित 676803 चुनावी मतों से हराकर स्पष्ट बहुमत हासिल की और भारत की राष्ट्रपति बनी।
वर्तमान राष्ट्रपति 2022
26 जुलाई 2022 को द्रोपति मुर्मू भारत के 15 में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, जिसकी शपथ भारत के 48 वे मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना मैं पूर्व राष्ट्रपतियों, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिलाई।
वह भारत के नामित जनजातिय समुदायों से राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाली पहेली महिला है। वह 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद पैदा हुई सबसे कम उम्र की और पहली महिला है जो राष्ट्रपति चुनी गई हैं प्रतिभा पाटिल के बाद मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला हैं।
मुर्मू मैं 14 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति के रूप में पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने देश की जनता को 75 वी आजादी की बधाई दी
Dropadi Murmu biography
सितंबर 2022 में उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत शुरू अभियान शुरू की-देश से क्षह रोग को मिटाने की पहल वह कर्नाटक में 10 दिवसीय राज उत्सव मैसूर दशहरा का उद्घाटन करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बनी। शुरुआती महीनों में मुर्मू ने असम, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम सहित देशों के उत्तर पूर्वी राज्यों का व्यापक दौरा किया और विभिन्न विकास परियोजनाओं के समारोह में शामिल हुई है।
नवंबर 2022 में उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों के शुभारंभ में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अपने गृह राज्य उड़ीसा का पहला दौरा किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने अल्मा मेटर स्कूल का दौर किया और बाद में सड़क के किनारे स्कूली बच्चों के साथ बातचीत की और 2 किलोमीटर पैदल चलकर जगरनाथ मंदिर पुरी के देवताओं की पूजा की।
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